Tuesday, August 21, 2012

भिवानी बोर्ड पुनर्मूल्यांकन : आवेदन करने वाले 80% छात्रों के नंबर जाते हैं बढ़

HBSE EXAMखुद आंकड़े इसके गवाह हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (भिवानी बोर्ड) में पुनर्मूल्यांकन करवाने वाले ८० प्रतिशत छात्रों के अंक बढ़ जाते हैं। यही दावा है स्कूल संचालकों और प्राचार्यों का है।
ऐसे दो ताजा मामले रेवाड़ी में सामने आए हैं। यह फेल बताए गए दो छात्र दरअसल प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण निकले। ये दोनों विद्यार्थी नंगली परसापुर स्थित ज्ञानदीप विद्या मंदिर के हैं। इन दोनों को परीक्षा परिणाम में कहीं अनुपस्थित तो कहीं कम अंक दिखाकर फेल बताया गया। दसवीं कक्षा के छात्र चंचल सिंह दाधिया के हिंदी में 27 अंक दिए गए। पुनर्मूल्यांकन के बाद उसके 76 अंक आए। इसी प्रकार 12वीं कक्षा के छात्र संदीप यादव को प्रथम सेमेस्टर के गणित विषय में अनुपस्थित दिखाया गया। दूसरे सेमेस्टर में अंग्रेजी विषय में फेल कर दिया। पुनर्मूल्यांकन कराया तो गणित में 56 और अंग्रेजी में 46 अंक से उत्तीर्ण था।
बोर्ड बदलने को मजबूर स्कूल संचालक स्कूल संचालक सीबीएसई बोर्ड की ओर पलायन करने लगे हैं। हाल फिलहाल प्रदेश में सैकड़ों स्कूल सीबीएसई की मान्यता प्राप्त की है। अकेले रेवाड़ी में पिछले दो सालों में एक दर्जन से अधिक स्कूलों ने सीबीएसई की मान्यता हासिल की है।
इसके अलावा कई स्कूलों ने अभी आवेदन किया है।

उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे समस्या : अधीक्षक 
बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाना ठीक नहीं है। उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के साथ परीक्षा परिणाम कई चरणों में तैयार होते हैं। किसी स्कूल संचालक या विद्यार्थी की लिखित शिकायत आती है तो उनकी समस्या उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। स्थानीय स्तर पर कार्यालय का कोई लेना देना नहीं है। इस प्रकार के काम उच्चस्तर पर होते हैं।

विमल कुमार, अधीक्षक, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, समन्वयक केंद्र

स्कूलों के संचालकों और प्राचार्यों का कहना है कि ऐसे में बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठना लाजिमी है। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सत्यवीर यादव का कहना है कि पहले ही जब गंभीरता से काम किया जाए तो अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ की नौबत ही नहीं आती। बोर्ड अपना राजस्व बढ़ाने के चक्कर में विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रांतीय प्रधान जवाहरलाल दूहन का कहना है कि बोर्ड की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। 

0 comments

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.